हिंदू-मुस्लिम एकता के प्रतीक देवां मेले की तैयारियां जोरों पर  

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हिंदू-मुस्लिम एकता के प्रतीक देवां मेले की तैयारियां जोरों पर  बाराबंकी स्थित प्रसिद्ध सूफी संत हाजी वारिश अली शाह की दरगाह

अरुण मिश्रा कम्यनिटी जर्नलिस्ट

देवां (बाराबंकी)। बाराबंकी की धरती पर विश्व प्रसिद्ध सूफी संत हाजी वारिश अली की सरजमी पर लगने वाले वार्षिक मेले की तैयारियां शुरु हो गई हैं। ये मेला दशकों से हिंदू, मुस्लिम एकता और प्रेम की मिसाल रहा है। हर वर्ष दीवाली से पहले लगने वाले इस मेले में देश के कोने-कोने से लाखों लोग आते हैं।

17 अक्टूबर से शुरु होने वाले इस मेले के लिए क्षेत्र में रंगाई, पुताई, साफ-सफाई व मरम्मत का कार्य तेजी से जारी है। सूफी संत हाजी वारिस अली शाह के पिता सैयद कुर्बान अली शाह की याद में लगने वाला 10 दिवसीय मेले की तैयारियां पूरे चरम पर हैं। मेले में इस बार भी सांस्कृतिक, साहित्य और खेलकूद के कार्यक्रम होंगे। मेले में होने वाली हॉकी और बैडमिंटन प्रतियोगिता का खासी प्रसिद्ध हैं।

मेला सुपरवाइजर इस्तखार अहमद की देखरेख में भारी संख्या में मजदूरों व मरम्मत करने वाले कारीगरों को लगाकर साफ-सफाई, रंगाई, पुताई व मरम्मत का कार्य तेजी से कराया जा रहा है। किंतु प्रसिद्ध खेल की दशा को सुधारने के लिए अभी तक कोई प्रबंध नहीं किए गए हैं। न ही मेला क्षेत्र को जोडऩे वाली सड़कों की मरम्मत कराई जा रही है। न ही प्रसिद्ध दंगल स्थल का दुरुस्तीकरण का कार्य ही शुरू कराया जा सका है। मजार शरीफ को जोडऩे वाला वीआइपी बाईपास मार्ग भी जर्जर दशा में पड़ा है। मेला सुपरवाइजर इक्तदार अहमद का कहना है कि समय से समस्त कार्य पूरे करा लिए जाएंगे।

मेले की तैयारियां जोरों से चल रही है। साफ-सफाई और पीने के पानी की उचित व्यवस्था की जा रही है। एसडीएम साहब ने भ्रमण कर मेला की तैयारियों का जायजा लिया। इस्तखार अहमद, सदस्य, मेला कमेटी देवां
इस्तखार अहमद, सदस्य, मेला कमेटी देवां

मेला कमेटी के व्यवास्थापक कशीफ़ बताते हैं, तैयारियों को अंतिम रुप दिया जा रहा है। दस दिन लगातार लंगर चलेगा उसका इंतजाम भी कर लिया गया है। लोगों के रुकने व भोजन की व्यवस्था कर ली गई। जि़यारत करने वालों को किसी प्रकार की समस्या न हो उनके लिए व्हाइट हाउस खुला दिया गए।

This article has been made possible because of financial support from Independent and Public-Spirited Media Foundation (www.ipsmf.org).

   

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